बेज़ुबां जख्म

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चंद दिनों पुराने पन्नों को , नया आगाज़ बनाना मंजिल है ,
अधजले बुझे अंगारों को , जवाँ आवाज़ बनाना मंजिल है |
मंजिल है , महफ़िल भीगे डूबे  , उस लानत के अफसानों में ,
मंजिल है , सब सबक पायें , ज़िन्दगी के हर गानों से ,
बरसों गम इंसानियत को , जुड़ता साज़ बनाना मंजिल है ,
मायूस बेजुबां ज़ख्मों को , दहकते अल्फाज़ बनाना मंजिल है |

कैसे सरी राह पर , हैवानियत का मंज़र होता है ,
कैसे बन्दे तेरे मालिक , आँखों में खंज़र होता है ,
कैसे भरी बस्ती में , मासूम पंख कुचला जाता है ,
कैसे हवस के कोहरे में, इंसा छुपता जाता है |

जब अस्मत का गहना , जाबाजों रहते महफूज़ नहीं ,
जब गर्म खून जवानी को , काबू रहने की सूझ नहीं ,
जब दिन दहाड़े गलियों में , आबरू लूटी जाती है ,
जब मदहोशी की मादकता , सीमा बाहर होती जाती है ,
जब इस भाई की राखी को , नाखूनों नोचा जाता है ,
जब घर जाने की जल्दी को , खामोश दबोचा जाता है ,
जब बेखोफ निगाहों को , बिन फोड़े छोड़ा जाता है ,
जब झूठ साँच की गुत्थी में , कानून मरोड़ा जाता है |
जब राहों पर चीखें रोती हैं , और खुली आँखों जग सोता है ,
विदित मनुज अनभिज्ञ क्यूँ तू , तेरे रहते ही सब होता है |
जब हकीकत को आइना , दिखाने वाला कोई नहीं ,
जब रावण को दायरा , समझाने वाला कोई नहीं |

जो शर्म को भी शर्मा दे ,ये कैसी बेशर्मी है ,
जो वक्त पर लहू न खोले , तो कैसी खून की गर्मी है |

वीराने में अंधड़ तो दोष किसे ,
सावन में पतझड़ तो दोष किसे,
कलयुगी चीर हरण तो दोष किसे ,
जीते जी मरण तो दोष किसे |

चहूँ ओर अधनंगा नाच तो दोष किसे ,
गूढ़ वितानों को सरताज तो किसे ,
बंधन केवल नारी को तो दोष किसे ,
दोषी वो ही बेचारी तो दोष किसे |

कुछ न होगा दुर्गे , तुझे ही कुछ करना होगा ,
ले खडग हाथों में , इन घावों को भरना होगा ,
लेकर काली रूप ,शैतान दो टूक करना होगा ,
अपनी लाज बचाने को , उसका आज हरना होगा | 







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अनकहा दर्द

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मेरी आँखों के आंसू कुछ पूछ रहे मुझसे ,

जब दर्द इतना है कि कहा नही जाता ,

न रोक पलको से खुल कर छलकने दे,
अब यूँ इन आँखों में रहा नहीं जाता |
क्यूँ सपनों की कश्ती में छेद लिए फिरता है ,
समुंदर का सैलाब इतना कि बहा नहीं जाता,
चाहत करना ही मान तेरी इक गलती थी ,
कसक किस धोखे पर जो सहा नहीं जाता |

हुए पर भर बेहोश तो क्या , 
जीवन भंग होश अभी भी बाकी है,
झटकों का क्या वो तो बहुत सहे ,
पर पहले का दुगना जोश अभी भी बाकी है|




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